आखिर कब तक अबोध बच्चियों के साथ हैवानियत का नँगा नाच चलेगा

 कानपुर - 15 अक्टूबर 2019 को रात 12:10 Am   पर आरपीएफ कांस्टेबल  रामकृष्ण एवं वेंडर को  प्रयागराज इंटरसिटी ट्रेन में एक अबोध एक माह की अज्ञात बालिका परी बोगी में लावारिस मिली बालिका को लेकर  वेंडर एवं आरपीएफ  कॉन्स्टेबल जीआरपी थाने लेकर आए  जहां पर  *सब इंस्पेक्टर  नेत्रपाल* जी द्वारा बालिका को रेलवे चाइल्ड लाइन के टीम सदस्य नारायण दत्त तिवारी एवं अनामिका मिश्रा की सुपुर्दगी में दिया  रेलवे चाइल्ड लाइन. सूचना दर्ज कर उनकी सुपुर्दगी में दिया गया और इस पर रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर बच्ची के परिजनों के काफी खोज की गई एवं स्टेशन अधीक्षक के द्वारा बालिका के परिजनों का अलाउंस मेंट भी कराया गया लेकिन बच्ची को लेने के लिए कोई परिजन नहीं आए *रेलवे चाइल्ड लाइन निदेशक  कमल कांत तिवारी* ने बताया बालिका लगभग 10 से  15 दिन की बच्ची प्रतीत हो रही है यह शंका जताई जा रही है कि यह बालिका  को परिजनों द्वारा  छोड़ा गया है और लगभग 1 वर्ष में 5 से 6 बच्चे विभिन्न स्थानों से आ चुके हैं और बताया  की  यदि कोई बच्चा ऐसा मिलता है तो गैरकानूनी गोद को बढ़ावा ना देकर तुरंत चाइल्ड लाइन एवं संबंधित पुलिस को सूचना दें ताकि बच्चे का भविष्य सुरक्षित किया जा सके  *रेलवे समन्वयक धर्मेंद्र कुमार ओझा* ने बताया कि 1 वर्ष से लगभग दो से तीन बच्चे नवजात बच्चे रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर सेंट्रल पर मिल चुके हैं और बताया कि और लोगों से अपील की कि यदि इस तरह से कोई बच्चा आपको मिलता है तो आप तत्काल 1098 एवं रेलवे चाइल्ड लाइन कार्यालय बाल सहायता बूथ पर संपर्क कर



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