विकास प्राधिकरण लखनऊ द्वारा घटिया निर्माण कराया गया ठेकेदारों की मिलीभगत में 5 साल के अंदर ही बिल्डिंगों की हालत बुरी होने लगी प्लास्टर टूट टूट कर गिरने लगा बिल्डिंग जर्जर की कगार पर है डूडा लखनऊ की देखरेख में बनाई गई बिल्डिंग है
भूतपूर्व मुख्यमंत्री मायावती शासनकाल में काशीराम योजना के तहत बनाई गई बिल्डिंग 2009 में शुरू कराया था मायावती जी ने काम गरीबों के लिए निशुल्क बनाई थे आवास
विकास प्राधिकरण द्वारा डूडा की देखरेख में 2009 से 2013 तक बनाई बिल्डिंग काशीराम शहरी गरीब आवास योजना योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारको को किरायेदारों को मलिन बस्ती वालों को 2013 में डूडा द्वारा एलडीए द्वारा बाटी गई आवास अलॉटमेंट किए गए गरीबों को आवास कब्जा लेटर दिए गए अभी 5 साल नहीं बीते की बिल्डिंग का प्लास्टर दो से ढाई इंची मोटा टूट टूट के गिरने लगा जर्जर होने लगी टोटल बालू का प्लास्टर ढाई इंच मोटा कहीं पर 2 इंच मोटा टूट टूट कर गिरने लगा है बिल्डिंग के स्लिप चटकने लगी छज्जे चटकने लगे कुछ छज्जा गिर गए हैं मायावती शासनकाल में बनाई गई बिल्डिंग विकास प्राधिकरण की और ठेकेदारों की मिलीभगत में घटिया निर्माण किया गया जिसकी जांच व देखरेख नहीं की गई विकास प्राधिकरण ने और डूडा ने नगर निगम लखनऊ को हैंड ओवर कर दिया नगर निगम अधिकारियों ने नगर आयुक्त ने बिना जांच किए हैंडोवर ले लिया घटिया निर्माण को ठेकेदारों द्वारा बनाई गई घटिया मटेरियल से बिल्डिंग आंख मूंदकर नगर निगम लखनऊ में विकास प्राधिकरण से हैंडोवर ले लिया आज काशीराम वासी जर्जर बिल्डिंग में रहने को मजबूर है स्लीप चटक रही है कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है प्लास्टर टूट टूट कर गिर रहा है विकास प्राधिकरण की लापरवाही का खामियाजा काशीराम गरीब निवासी भुगत रहे हैं जब 5 साल के अंदर इतनी बुरी हालत हो गई है बिल्डिंगों की तो आगे क्या हाल होगा बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डरों की घटिया निर्माण की जांच नहीं करी विकास प्रदीकरण ने और ठेकेदारों का पैसे का भुगतान कर दिया गया ठेकेदारों की मिलीभगत में काम किया गया आज इन बिल्डिंगों की तरफ किसी अधिकारी की नजर नहीं है रिपेयरिंग के लिए विकास निधि से जो पैसा आता है उस पैसे का यूज काशीराम की जर्जर बिल्डिंग नहीं किया जा रहा टूट रहा है प्लास्टर चटक रही है सिलेब गिर रहे हैं छज्जे इनकी इनकी मरम्मत के लिए सरकार ध्यान नहीं दे रही कभी भी यहां के गरीब बीपीएल कार्ड धारक जर्जर बिल्डिंग का शिकार हो सकते हैं कभी भी चटकी हुई स्लिप गिर सकती है और कोई भी घटनाएं घटित हो सकती है रिपेयरिंग के लिए अधिकारीगण ध्यान नहीं दे रहे गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं ऐसे घटिया निर्माण करने वालों के ऊपर जांच होनी चाहिए घटिया सामग्री इस्तेमाल करने वालों की जांच होनी चाहिए मिलीभगत में ठेकेदारों ने काम किया इसकी जांच होनी चाहिए अब आगे देखते हैं कौन आल्हा अफसर इन गरीबों पर अपनी दया दृष्टि करके इनकी समस्याओं का समाधान करेगा