उत्तर प्रदेश सरकार का एक बड़ा फैसला धार्मिक स्थल रहेंगे बंद लेकिन शराब की दुकानें खुली रहेंगी आखिर ऐसा
कानपुर
आज अगर यह उत्तर प्रदेश सरकार का फैसला है तो इस लाग डाउन के चलते गरीब बेहद परेशान है तथा इस फैसले से लाखों की तादात में गरीब परिवारों के घरों में चूले बुझे हुए नजर आ रहे है वैसे ही चलते लाक डाउन में गरीब और मिडिल क्लास के परिवार के लोग ही अधिकतर तबाह हुए हैं और कुछ ऐसे परिवार भी हैं जो एक-एक दाने के लिए मोहताज भी हो चुके हैं मगर किसी के आगे अपनी गरीबी का मजाक उड़ाना नहीं चाहते हैं गरीबों की पहले से ही कमर टूट चुकी है और शराबी भी अपने आप को शराब पीने के लिए कंट्रोल कर चुका है अगर सरकार ने इस तरह शराब ठेकों को चालू किया तो और भी जुल्मों सितम गरीब परिवारों के साथ बढ़ जाएगा जब शराबी को शराब पीने के लिए पैसे नहीं मिलेंगे तो वह शराबी चोरी लूट जैसी घटनाएं करने लगेगा तथा अपने अपने घरो के सामानों को बेचना शुरु कर देगा धीरे-धीरे शराबी अपने सामान को बेचकर शराबी शराब पी डालेगा तब शराबी अपने बीवी बच्चों और अपने परिवार वालों के साथ आए दिन मारपीट भी करेगा उसके बाद कहीं कहीं ऐसा भी देखा गया है शराब और जुए के चक्कर में शराबी और जुआरी अपने अपने बच्चों और बीवियों को भी बेच देता है ज्यादा परेशान होकर अपने परिवार को मार डालता है या फिर खुद फांसी के फंदे में डूब कर आत्महत्या कर लेता है अगर शराब चालू होती है तो गरीब परिवारों मिडिल क्लास लोगों के परिवारों के लिए बहुत ही परेशानियां की घड़ी है।
अगर सरकार को गरीब परिवार को स्वच्छ तथा स्वस्थ देखना है तो सरकार को शराब को बंद ही रखना होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का बड़ा फैसला